अधूरी हसरतो का आज भी इल्जाम है उस पर- Hindi Bewfai Shayri

अधूरी हसरतो का आज भी इल्जाम है उस पर- Hindi Bewfai Shayri





अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है उस पर,

 अगर वो चाहती तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती।



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महक अपने रिश्ते की फूलों से भी गहरी है,
इसीलिए तो अपनी मोहब्बत साँसों पे ठहरी है...!!


ना टूटे ये साँसों का रिश्ता जिंदगी से वरना,
हम समझेगें दुनिया मे हर मोहब्बत अधूरी है...!!!



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हम किसी को अपनाने की जिद में है,
वो भी हमे आजमाने की जिद में है...!!

जिसको माँगा है ,हमने अपनी मन्नतो में,
वो हमारे प्यार को भूल जाने की  जिद में है।




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हर सपना कभी सच्चा नही होता,
इश्क़ का कोई मजहब नही होता..!!

सब कुछ मिल जाता है, इस जहाँ में
मगर फिर किसी से प्यार नही होता।

 

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मेरी यादें, मेरा चेहरा, मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में, गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,


दिन तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा रहोगे तुम, तुम्हें रातें रुलायेंगी।



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सजा कैसी मिली मुझको तुमसे दिल लगाने की,
रोना ही पड़ा है जब कोशिश की मुस्कुराने की,


कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द-भरी रातों का हमराज,
दर्द ही मिला जो तुमने कोशिश की आजमाने की।



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