मासूम सी मोहब्बत व्यापार हो गयी- Hindi Two Line Shayri

मासूम सी मोहब्बत व्यापार हो गयी- Hindi Two Line Shayri



जब से फैला है ज़माने में रिश्वत का
रोग,

अरबो मे बिकने लगे है दो कोडी के लोग !!


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कोई चेहरे का दीवाना तो किसी को तन की तलब,

अदाएँ पीछा करवाती है आजकल मोहब्बत कौन करता है !!


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एक रूह ने जाते हुए, जिस्म से ये कहा,

ले देख ले अब तेरी क्या औक़ात रह गई...!



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होने लगा है हिसाब,
नफे और नुकसान का

मासूम सी मोहब्बत,
व्यापार हो गई ...!!



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छु ली मिट्टी तो हाथ थोड़ा मैला हो गया..!

लेकिन पानी से रिश्ता और गहरा हो गया..!


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शायद खुशी का दौर भी आ जाए एक दिन,

गम भी तो मिल गये थे तम्मना किये बिना...।


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