कितने आंसू बहा दिए, इन चार दिन मोहब्बत में

कितने आंसू बहा दिए, इन चार दिन मोहब्बत में

कितने आंसू बहा दिए, इन चार दिन की मोहब्बत में-

कितने आँसू बहा दिए इन चार दिन की मोहब्बत में,

  काश सजदे में बहते तो गुनहगार न होते...!!!

 

 

 

 

 ना  डरा मुझे ऐ वक़्त नाकाम होगी तेरी हर कोशिशें...,

ज़िन्दगी के मैदान में खड़ा हूँ, दुवाओं का लश्कर लेकर...!!




मेरे गम ने होश उनके भी खो दिए,

वो समझाते समझाते खुद ही रो दिय...!!

 

 




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