दुपट्टा संभालते हुए बोली, यु मुस्कुरा के क्या देखते हो- Hindi Love Shayri

दुपट्टा संभालते हुए बोली, यु मुस्कुरा के क्या देखते हो- Hindi Love Shayri



आज भी याद है वो दिन,जब वो पहली बार,

दुप्पटा संभालते हुए बोली यु मुस्कुरा के क्या देखते हो।


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चाँद को देख के अक्सर हैरान हो जाता हूँ मैं,

अगर तू जमीन पर है तो आसमाँ पे कौन है।


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छलकता है नूर गुलाबी गालों पे तेरा इस कदर,


रूखसार देख गुस्ताख ये पलकें झपकती ही नही।


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वक़्त मिले ...तो मेरे घर तक चले आना कभी,

तेरी खुश्बू के मोहताज़....मेरे गुलदस्ते आज भी हैं।




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