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मासूमियत खो दी मैंने वफ़ा करते करते।- Hindi Two Line Shayari
मासूमियत खो दी मैंने वफ़ा करते करते।- Hindi Two Line Shayari
मासूमियत खो दी मैंने वफ़ा करते करते।- Hindi Two Line Shayari
फरेबी भी हूँ, ज़िद्दी भी हूँ और पत्थर
दिल भी हूँ,
मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते-करते !!
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बस एक लफ्ज उनको सुनाने के लिये,
जाने कितने अल्फाज लिखे हमने जमाने के लिये ।
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कुछ इस कदर ताल्लूक टूटा है नींद से,
कि चाहूं सपने में मिलूंगा उन्हें तो सारी रात जागने में ही गुजर जाती है।
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जब से फैला है ज़माने में रिश्वत का
रोग,
अरबो मे बिकने लगे है दो कोडी के लोग !!
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